The Definitive Guide to naat lyrics
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salam lyrics
میرا کون ہے؟ سوائے تم ہی کو؟ اے! پیارے نبی (صلى الله عليه وسلم)
नबी की आमद से नूर फैला, फ़ज़ा-ए-शब पर निखार आया
नात शरीफ लिरिक्स हिंदी, नात शरीफ लिरिक्स हिंदी में, नात शरीफ लिरिक्स हिंदी में,
ऐ ज़हरा के बाबा ! सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए कहीं मर न जाए तुम्हारा गदा मदीना बुला लीजिए सताती है मुझ को, रुलाती है मुझ को ये दुनिया बहुत आज़माती है मुझ को हूँ दुनिया की बातों से टूटा हुआ मदीना बुला लीजिए बड़ी बेकसी है, बड़ी बे-क़रारी न कट जाए, आक़ा ! यूँही 'उम्र सारी कहाँ ज़िंदगानी का कुछ है पता मदीना बुला लीजिए ये एहसास है मुझ को, मैं हूँ कमीना हुज़ूर ! आप चाहें तो आऊँ मदीना गुनाहों के दलदल में मैं हूँ फँसा मदीना बुला लीजिए मैं देखूँ वो रौज़ा, मैं देखूँ वो जाली बुला लीजे मुझ को भी, सरकार-ए-'आली !
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नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !
It is often executed in mosques and at spiritual gatherings, and Lots of people pay attention to it as a way to connect with their faith.
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अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !
या हुसैन इब्न-ए-'अली ! या हुसैन इब्न-ए-'अली !
ek dil ko choo lene wala dard aur bechaini ka izhar karta hai, jisme shayar apne lajpal Nabi (صلى الله عليه وسلم) ki talash mein hai. Is mein dil ko choo jane wale alfaz aur dard bhare mausiqi se mehsoos hota hai.
जो हिज्र-ए-तयबा में याद बन कर ख़याल आया, कमाल आया !
مقامی طور پر اسمبل شدہ سوزوکی ایوری کی متوقع قیمت اور فیچرز
इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ रंज-ओ-ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर ! इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर ! असीरों के मुश्किल-कुशा, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! फ़क़ीरों के हाजत-रवा, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर ! गिरा है बलाओं में बंदा तुम्हारा मदद के लिए आओ, या ग़ौस-ए-आ'ज़म ! इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर !